जुलाई में संरक्षित स्मारक घोषित किया जा चुका, दिलीप कुमार का यह पुश्तैनी घर 130 वर्ग मीटर में फैला है। सरकार की मंशा इसे एक संग्रहालय के रूप में बदलने की है। लेकिन इस दिशा में अभी तक कुछ नहीं किया गया है।
दिलीप कुमार के पुश्तैनी घर के पड़ोस में रहने वाले शाह हुसैन ने कहा, 'यह बहुत बुरी स्थिति में है और कभी भी गिर सकता है। यदि ऐसा हुआ तो यह बहुत दुखद होगा क्योंकि आखिर यह एक राष्ट्रीय स्मारक है।' पेशावर में जन्मे दिलीप कुमार का असली नाम यूसुफ खान है। उन्होंने इस मकान में अपने शुरुआती सात साल बिताए थे। 1930 के दशक के आखिर में उनका परिवार मुंबई चला गया था।