डोनाल्ड ट्रंप ने नए साल की बधाई के साथ ईरान को दी धमकी, चुकानी होगी कीमत

बुधवार, 1 जनवरी 2020 (11:19 IST)
वॉशिंगटन। इराक के बगदाद में स्थित अमेरिकी दूतावास के बाहर ईरान के हजारों समर्थकों का प्रदर्शन हो रहा है। इस दौरान दूतावास पर पत्थर फेंके गए। दीवार पर चढ़ने की कोशिश की गई। इस पर डोनाल्ड ट्रंपने ईरान को धमकी दी है।
ट्रम्प ने दूतावास पर हुए हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था और अमेरिकियों की हत्या के दुष्परिणाम झेलने  की धमकी दी थी। ट्रम्प ने टवीट किया कि हमारे किसी भी प्रतिष्ठान में किसी की भी जान जाने या किसी भी प्रकार की क्षति के लिए ईरान पूरी ही तरह जिम्मेदार होगा। ट्रम्प ने कहा कि उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। यह धमकी नहीं है, खतरा है। हैप्पी न्यू ईयर। 
 

The U.S. Embassy in Iraq is, & has been for hours, SAFE! Many of our great Warfighters, together with the most lethal military equipment in the world, was immediately rushed to the site. Thank you to the President & Prime Minister of Iraq for their rapid response upon request....

— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 31, 2019
और सैनिक भेज रहा है अमेरिका : इराक में अमेरिकी दूतावस पर ईरान समर्थक प्रदर्शनकारियों के घुसने, आगजनी करने और ‘अमेरिका की हत्या’ के नारे लगाने के बाद अमेरिका ने सैकड़ों और सैनिकों को पश्चिम एशिया भेजने का निर्णय लिया। मंगलवार को हुए हमले के बाद दूतावास की सुरक्षा कड़ी करने के लिए अमेरिका ने नौसैनिकों के एक त्वरित प्रतिक्रिया दल को वहां पहले ही रवाना कर दिया था।
 
प्रदर्शनकारी रविवार को हुए अमेरिकी हवाई हमलों का विरोध कर रहे थे, जिसमें कताइब हिजबुल्लाह (हिजबुल्ला ब्रिगेड) के कट्टरपंथी गुट के कम से कम 25 लड़ाके मारे गए थे। अमेरिका ने इस गुट पर अमेरिकी ठेकेदार की हत्या का आरोप लगाया है।
 
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने हमले को आतंकवादियों की साजिश करार दिया और इनमें से एक की पहचान अबू महदी अल मुहांदिस के रूप में की।
 
मुहांदिस तेहरान समर्थित हश्द अल-शाबी का दूसरे नंबर का प्रमुख है। कताइब हिजबुल्लाह भी इसी का हिस्सा है, जिसे अमेरिकी हवाई हमलों में निशाना बनाया गया था।
 
रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने मंगलवार को कहा था कि 82वीं एयरबोर्न डिवीजन की त्वरित प्रतिक्रिया इकाई के करीब 750 सैनिकों को अगले कुछ दिनों में भेजने की तैयारी है।
 
उन्होंने कहा कि यह तैनाती अमेरिकी कर्मियों और प्रतिष्ठानों पर बढ़ते खतरों (जैसा कि आज बगदाद में हुआ) के बाद उचित और एहतियाती कदम हैं।

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