नागासाकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जिरो यासुदा और उनकी टीम का कहना है कि उनकी जांच प्रकिया पश्चिम अफ्रीका में इस्तेमाल किए जा रहे परीक्षण के मुकाबले काफी सस्ती भी है। पश्चिम अफ्रीका में इबोला अभी तक 1,500 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है।
प्रोफेसर में कहा, ‘हमें अभी तक इसके संबंध में कोई प्रश्न या अनुरोध नहीं मिला है, लेकिन हम इसे उपयोग हेतु देने को तैयार हैं, यह काम के लिए तैयार है।’ (भाषा)