मिस्रवासियों से मुर्सी बोले, जारी रखो क्रांति...

रविवार, 26 अक्टूबर 2014 (10:37 IST)
काहिरा। मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी ने अपने देश के लोगों को पत्र लिखकर उन्हें उन नेताओं के खिलाफ क्रांति जारी रखने के लिए बधाई दी है, जो देश को अपने अधीन करना चाहते हैं।
 
मुर्सी के आधिकारिक फेसबुक पेज पर शनिवार को जारी हुआ। यह पत्र मुस्लिम ब्रदरहुड की वेबसाइटों और सोशल मीडिया के अन्य मंचों पर तेजी से प्रसारित हो गया। पत्र की शुरुआत मुस्लिमों को रविवार को मनाए जाने वाले नए हिजराह वर्ष (इस्लामी नया साल) की मुबारकबाद दी।
 
उन्होंने कहा कि देश अभी भी अपनी क्रांति के सर्वोच्च शिखर पर है और युवाओं में अपनी इच्छा को लागू करने का संकल्प भी चरम पर है। पत्र में लिखा गया कि मैं आपको मुबारकबाद देता हूं और अपनी खुशी जाहिर करता हूं कि आपने पंगु सरकार और उसके उन नेताओं के खिलाफ अपनी क्रांति जारी रखी हुई है, जो अपनी सनक के चलते देश को अपने अधीन करना चाहते हैं। वे कभी सफल नहीं होंगे। वे इस डर के साथ जी रहे हैं कि दुर्भाग्य उन अपराधों की सजा के रूप में उनका इंतजार कर रहा है, जो उन्होंने मिस्र की जनता के खिलाफ किए हैं। 
 
इसी बीच मिस्र के कुछ मीडिया प्रतिष्ठानों ने इस पत्र को उकसाने वाला करार दिया। मिस्र के वकील समीर साबरी ने महाधिवक्ता के समक्ष पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ एक रिपोर्ट दाखिल की जिसमें मुर्सी पर आरोप लगाया है कि वह अपने समर्थकों को ‘क्रांति जारी रखने के लिए’ कहते हुए हिंसा के लिए उकसा रहे हैं। पत्र में मुर्सी ने यह भी कहा कि वे क्रांति और शहीदों के खून के बदले समझौता कर लेने के प्रयासों को आज भी खारिज करते हैं।
 
इस पत्र में कहा गया कि मैं जमीनी स्तर पर सक्रिय सभी क्रांतिकारियों, उनके नेताओं, परिषदों, गठबंधनों, प्रतीकों, विचारकों और छात्रों को जोर देकर कहना चाहूंगा कि तख्तापलट को कोई मान्यता नहीं, क्रांति से पीछे हटना नहीं, शहीदों के खून की कीमत पर कोई समझौता नहीं।
 
मुर्सी ने यह भी कहा कि वे जेल से तब तक नहीं निकलेंगे, जब तक हिरासत में लिए गए उनके सभी पुत्र मुक्त नहीं हो जाते और जब तक उनकी हिरासत में ली गई सभी बेटियां अपने घर नहीं लौट जातीं।
 
पत्र में आगे कहा गया कि मैं तख्तापलट के दौरान विश्वासघाती अपराधियों के हाथों मारे गए हमारे शहीद सैनिकों को न तो भूला हूं और न ही भूलूंगा। इस तख्तापलट ने पूरे देश में खून की नदियां बहा दीं। मेरा मानना है कि हमारे देश के घावों को सिर्फ क्रांति ही भरेगी।
 
जेल में बंद इस्लामी पूर्व राष्ट्रपति को सेना ने पिछले साल हटा दिया था। मुर्सी पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारियों की हत्या करने, जासूसी करने, वर्ष 2011 में मिस्र की क्रांति के दौरान जेल से भागने और न्यायपालिका का अपमान करने के आरोप हैं। अब तक मुर्सी को किसी मामले में सजा नहीं हुई है। दोषी ठहराए जाने पर उन्हें मौत की सजा हो सकती है।
 
मिस्र ने अल-जजीरा के पत्रकारों को भी मुर्सी के दल मुस्लिम ब्रदरहुड को मदद देने के आरोप में जेल में डाला हुआ है। (भाषा) 

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