काहिरा। मिस्र की एक अदालत ने 2012 में हुई फुटबॉल दंगों के मामले में रविवार को 11 युवाओं को मौत की सजा सुनाई। उन दंगों में 74 फुटबॉलप्रेमी मारे गए थे।
मिस्र के कानून के तहत जिन मामलों में भी सजा-ए-मौत सुनाई जाती है, उन्हें देश के सबसे सीनियर धार्मिक नेता मुफ्ती-ए-आजम को भेजा जाता है हालांकि उनका फैसला बाध्यकारी नहीं होता। अदालत अंतिम फैसला 30 मई को सुनाएगी।
मिस्र की प्रीमियर लीग के दौरान काहिरा के अल अहली और घरेलू टीम अल मसरी के बीच फरवरी 2012 को हुए फुटबॉल मैच के बाद दंगे भड़के थे। उसमें अल अहली टीम के 74 युवा मारे गए थे और 500 से अधिक घायल हुए थे।
अल मसरी टीम के समर्थकों ने चाकू, पत्थरों, बोतलों और पटाखों से अल अहली टीम के प्रशंसकों पर हमला किया था। (भाषा)