Floods in Dubai : दुनिया में जहां कई देशों और राज्यों में गर्मी तेवर दिखा रही है, वहीं संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates), ओमान (Oman) और बहरीन (Bahrain) में लोग भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। दुबई बाढ से जूझ रहा है। दिलचस्प है कि ये वो इलाके हैं जो अपने सूखे रेगिस्तानों और चिलचिलाती गर्मी के लिए जाने जाते हैं।
सवाल यह है कि आखिर क्यों दुबई पानी पानी हो गया है। हालात यह है कि कुछ ही घंटे में संयुक्त अरब अमीरात के शानो शौकत भरे और ऊंची इमारतों वाले शहर दुबई तक को पानी में डुबा दिया। दरअसल, दुबई के शहरी सिस्टम का बड़ा हिस्सा ऐसी बारिश के लिए कभी बना ही नहीं। दुबई जैसे आधुनिक शहर तक के बुनियादी ढांचे में ड्रेनेज का सिस्टम बहुत सीमित और नाकाफ़ी है जिससे होकर बारिश का पानी आगे निकल जाए और ये तो ऐसी बारिश रही जो अच्छे से अच्छे सिस्टम का इम्तिहान ले लेती।
क्या क्लाउड सीडिंग है जिम्मेदार : इस ग्लोबल वॉर्मिग के लिए क्लाउड सीडिंग को जिम्मेदार माना जा रहा है। दरअसल, इलाके में प्रकृति से हो रहे खिलवाड़ का असर हज़ारों किलोमीटर दूर तक दिखाई देता है। कुछ जानकार कह रहे हैं कि अचानक हुई इतनी बारिश के पीछे क्लाउड सीडिंग भी एक वजह है। समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में ऐसी संभावना जताई है। मौसम विभाग के एक विशेषज्ञ अहमद हबीब ने ब्लूमबर्ग को बताया कि क्लाउड सीडिंग के लिए बने विशेष विमानों ने बीते दो दिनों में संयुक्त अरब अमीरात के ऊपर क्लाउड सीडिंग के लिए छह बार उड़ान भरी।
क्या होती है क्लाउड सीडिंग : बता दें कि वैश्विक स्तर पर क्लाउड सीडिंग पर 1940 के दौर से ही काम जारी है। क्लाउड सीडिंग मौसम में बदलाव करने का एक वैज्ञानिक तरीका है। इस प्रक्रिया के तहत आर्टिफिशियल तरीके से बारिश करवाई जाती है। क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया के दौरान छोटे-छोटे विमानों को बादलों के बीच से गुजारा जाता है। ये विमान सिल्वर आयोडाइड, ड्राई आइस और क्लोराइड छोड़ते जाते हैं। इससे बादलों में पानी की बूंदें जम जाती हैं। यही पानी की बूंदें फिर बारिश बनकर जमीन पर गिरती हैं। क्लाउड सीडिंग के जरिए करवाई गई आर्टिफिशियल बारिश सामान्य बारिश की तुलना में ज्यादा तेज होती है। संयुक्त अरब अमीरात सिल्वर आयोडाइड जैसे कैमिकल की जगह potassium chloride जैसे कुदरती सॉल्ट का इस्तेमाल करता है।
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दुबई ने क्लाउड सीडिंग से किया इनकार : क्लाउड सीडिंग के लिए ज़िम्मेदार संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रीय मौसम केंद्र ने इस संभावना को ग़लत बताया है और कहा है कि उसने तूफ़ान से पहले और तूफ़ान के दौरान क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन नहीं किए और ये बारिश कुदरती है। UAE के राष्ट्रीय मौसम केंद्र के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ओमर अल यज़ीदी ने कहा कि क्लाउड सीडिंग का मूल सिद्धांत ये है कि आपको बारिश से बहुत पहले ही बादलों में सीडिंग करनी पड़ती है। लेकिन अगर भयानक तूफ़ान की स्थिति हो जाए तो क्लाउड सीडिंग के लिए काफ़ी देर हो जाती है। बता दें कि पानी के लिए तरसने वाले संयुक्त अरब अमीरात में 2002 से क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन किए जाते रहे हैं।
क्या यह ग्लोबल वॉर्मिग का है असर : संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और ओमान में इतनी बारिश हुई क्यों. इसके कई कारण हैं. इसकी वजह एक बड़ा तूफ़ान है जो अरब पेनिनसुला यानी अरब प्रायद्वीप से ओमान की खाड़ी की ओर जा रहा था। इसी मौसमी चक्र के कारण हवाएं नमी से भारी बादलों को ओमान और दक्षिण पूर्व ईरान की ओर भी ले गईं और वहां भी भारी बारिश हुई। मौसम के जानकार ग्लोबल वॉर्मिग को भी इस extreme weather event यानी चरम मौसमी घटना की वजह मान रहे हैं जो आने वाले दिनों में और बढ़ेंगी।
बारिश का हाहाकार : तेल की दौलत से बने ईंट कंक्रीट के इस आधुनिक जंगल की सड़कों, गलियों से पानी ऐसे बहने लगा जैसे नदी बहती है। सड़कों पर चल रही बेशकीमती और आधुनिक गाड़ियां पानी में डूबने उतराने लगीं। दुबई में कुछ ही घंटों के अंदर इतना पानी बरस गया जितना डेढ़ साल में बहता है। मंगलवार को 142 मिलीमीटर बारिश दुबई में दर्ज की गई जबकि साल भर में औसतन 95 मिलीमीटर बारिश ही मुश्किल से यहां हो पाती है। UAE के अल-आइन अमीरात में तो सबसे ज़्यादा 250 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसी से अंदाज़ा लग सकता है कि कितना पानी अचानक बरस गया।
Edited By Navin Rangiyal