इमरान खान को मौत का डर, धीमा जहर देकर की जा सकती है हत्या
शुक्रवार, 27 अक्टूबर 2023 (23:39 IST)
Imran Khan expressed fear of murder : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आशंका जताई है कि जेल में उन्हें धीमा जहर देकर उनकी जान लेने की एक और कोशिश की जा सकती है, क्योंकि उन्होंने देश छोड़ने से इनकार कर दिया है।
खान ने अपने परिवार द्वारा साझा किए गए एवं शुक्रवार को एक्स पर पोस्ट किए गए संदेश में कहा, चूंकि मैं अपना देश छोड़ने के लिए सहमत नहीं होऊंगा, इसलिए वे (देश के शक्तिशाली प्रतिष्ठान) जेल में मेरे बंद रहने के दौरान मेरी जान लेने की एक और कोशिश कर सकते हैं। इस तरह की कोशिश धीमा जहर देकर भी की जा सकती है। खान (71) गोपनीय राजनयिक दस्तावेज लीक मामले में अडियाला जेल में बंद हैं।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख ने कहा कि इस वक्त वह पूरी तरह से ठीक हैं। उन्होंने कहा, यदि कमजोरी के कारण मेरे शरीर में बदलाव होगा तो यह मुझे महसूस होगा। लेकिन वे मेरी जान लेने की सरेआम दो कोशिशें कर चुके हैं। एक्स पर किए गए पोस्ट के जरिए खान ने यह दावा ऐसे दिन किया है, जब पाकिस्तान में एक अदालत ने राजनयिक दस्तावेज मामले में उनकी जमानत याचिका और पहली प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध खारिज कर दिया।
उन पर पिछले साल मार्च में वॉशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास द्वारा भेजे गए एक गोपनीय राजनयिक दस्तावेज को लीक करने का आरोप है। पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने सोमवार को उन्हें उनके करीबी सहयोगी एवं पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ मामले में अभ्यारोपित किया।
खान ने अपने खिलाफ दर्ज सभी मामलों को पूरी तरह से फर्जी और राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि ये मामले गढ़े हुए हैं और चुनाव तक या उसके बाद की एक विशेष अवधि तक उन्हें जेल में रखने के मकसद से दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में देश ने कानून का माखौल देखा है और उन्होंने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) प्रमुख एवं तीन बार के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ अक्सर लगाए आरोपों को दोहराया।
खान ने पोस्ट में कहा, आज जो कुछ हो रहा है वह महज लंदन समझौते का क्रियान्वयन नहीं है। लंदन समझौते पर एक कायर भगोड़े और भ्रष्ट अपराधी तथा उन्हें बढ़ावा देने वालों (सैन्य प्रतिष्ठान के तत्वों) ने हस्ताक्षर किए हैं। दोषी करार दिए गए अपराधी (नवाज) को राजनीति में लौटने की अनुमति देने का एकमात्र रास्ता सरकारी संस्थाओं को नष्ट कर क्लीन चिट दिया जाना है।
उन्होंने कहा, इस तरह, जो कुछ हम देख रहे हैं वह हमारी न्याय प्रणाली का पूरी तरह से ध्वस्त हो जाना है। नवाज लंदन में चार साल स्व-निर्वासन में रहने के बाद 21 अक्टूबर को पाकिस्तान लौट आए हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour