डॉन न्यूज़ ने माल्ही के हवाले से कहा है कि बीते दो दशक में इस्लामाबाद में हिंदू आबादी खासी बढ़ी है, इसलिए मंदिर की जरूरत है। उन्होंने इस्लामाबाद में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए शवदाह गृह की कमी की भी बात कही।
राजधानी विकास प्राधिकरण (सीडीए) ने हिन्दू पंचायत को मंदिर के लिए 2017 में ज़मीन दी थी, लेकिन कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के कारण मंदिर के निर्माण में देरी हुई। मंदिर परिसर में एक श्मशान घाट भी होगा। (भाषा) (Photo courtesy: Pakistan Fact Facebook)