वैज्ञानिकों ने इस रहस्य का पता लगा लिया है कि सोना कैसे बनता है? वैज्ञानिकों का कहना है कि आयन्स (कणों) को बैक्टीरिया कैसे ठोस सोने में बदल देते हैं। इस तरह का परिदृश्य किसी बायोकेमिस्ट की परी कथा लग सकता है, लेकिन यह वास्तविकता है। मैकास्टर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने बताया है कि यह समूची प्रक्रिया कैसे काम करती है। यह जानकारी उन्होंने पत्रिका जर्नल नेचर केमिकल बायोलॉजी में दी।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बैक्टीरिया का नाम डेल्फिटिया एसिडोवोरान्स है और राजा मीडास के स्पर्श की तरह से होने वाला यह परिवर्तन बैक्टीरिया की आत्मरक्षा प्रणाली का भाग है। पानी में घुले स्वर्ण कण जहरीले होते हैं और जब बैक्टीरिया को इसका अनुभव होता है तो यह एक प्रोटीन 'डेल्फ्टीबैक्टिन ए' छोड़ देता है। यह प्रोटीन बैक्टीरिया के लिए कवच का काम करता है और जहरीले कणों को निरापद कणों में बदल दिया जाता है जो कि कोशिकाओं के बाहर जमा हो जाता है।