खबरों के मुताबिक धार्मिक मामलों और अंतरधार्मिक सौहार्द मामलों के मंत्री नूर उल हक कादरी को एक कार्यक्रम में सईद के साथ बैठे देखा गया, जहां रविवार को दिफा-ए-पाकिस्तान काउंसिल द्वारा आयोजित सर्वदलीय सम्मेलन को उसने संबोधित किया।
कार्यक्रम में एक बैनर पर लिखा था कि सम्मेलन 'पाकिस्तान की रक्षा' के लिए है और इसमें 'कश्मीर' और 'भारत से खतरों' शब्द का भी उल्लेख था। दिफा-ए-पाकिस्तान काउंसिल 40 से अधिक पाकिस्तानी राजनीतिक और धार्मिक पार्टियों का गठबंधन है, जो संरक्षणवादी नीतियों की वकालत करते हैं।
इस कार्यक्रम में हाफिज सईद के साथ कादरी की मौजूदगी भारत के इस रुख की पुष्टि करती है कि अगस्त में प्रधानमंत्री इमरान खान के कामकाज संभालने के बाद भी आतंकवाद को लेकर इस्लामाबाद के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में शनिवार को अपने भाषण में कहा था कि राजकीय नीति के औजार के तौर पर आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की प्रतिबद्धता में रत्तीभर भी बदलाव नहीं हुआ है। (भाषा)