भारतीय-अमेरिकी हृदयरोग विशेषज्ञ निहार देसाई ने पत्रिका को बताया कि यह सस्ती दवा है और इसका दशकों से इस्तेमाल किया जाता रहा है और लोग इससे आराम महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अपनी ओर से भरसक प्रयास कर रहे हैं। उम्मीद करते हैं कि हमें फिर से कोरोना वायरस वैश्विक महामारी जैसी किसी चीज का सामना कभी न करना पड़े।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के एंथनी फॉसी ने बताया कि यह दवा गंभीर रूप से बीमार कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में कारगर होगी। अभी इस दवा का इस्तेमाल मामूली रूप से बीमार मरीजों पर नहीं किया गया है। एफडीए ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए सबसे पहले हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी।