राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार के बयान के बाद अब शिवसेना (उबाठा) सांसद संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले 2 लोगों ने उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की थी और 60-65 मुश्किल सीटों पर ईवीएम के जरिए जीत सुनिश्चित करने का वादा किया था। राउत ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी यही लोग ठाकरे से मिले थे।
महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 30 पर महाविकास आघाडी (एमवीए) की जीत का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि, शिवसेना (उबाठा) प्रमुख ने चुनावी प्रक्रिया और लोकतंत्र में अपनी आस्था जताते हुए उनसे मिलने से इनकार कर दिया था।
पवार ने शनिवार को दावा किया था कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले दो व्यक्तियों ने उनसे मुलाकात की थी और 288 में से 160 निर्वाचन क्षेत्रों में विपक्ष की जीत की गारंटी दी थी। राउत ने मीडिया को संबोधित करते हुए दावा किया, "शरद पवार ने कहा कि कुछ लोग चुनाव से पहले उनसे मिले थे। उन्हीं लोगों ने लोकसभा चुनाव के दौरान उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की थी। हमने उनसे कहा कि हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं और देश के माहौल को देखते हुए हम निश्चित रूप से लोकसभा चुनाव जीतेंगे।"
शिवसेना (उबाठा) नेता ने दावा किया कि उन्हीं लोगों ने कुछ महीने बाद हुए विधानसभा चुनावों से पहले ठाकरे से संपर्क किया था। राउत ने कहा कि हमने उनसे कहा कि विपक्ष को (लोकसभा चुनावों में) भारी सफलता मिली है और हम विधानसभा चुनावों में सत्ता में आएंगे। उन्होंने हमें 60-65 मुश्किल सीटें उन्हें देने को कहा और ईवीएम के जरिए जीत का वादा किया। हालांकि ठाकरे ने कहा कि हमें ऐसा करने की जरूरत महसूस नहीं होती।
राउत ने कहा कि उन्होंने हमें साफ साफ कहा था कि भले ही हमें उनकी मदद की जरूरत न हो लेकिन सत्ता में बैठे लोगों ने ईवीएम और मतदाता सूची के माध्यम से एक योजना तैयार कर ली है। राउत ने कहा कि (उन्होंने हमसे कहा कि) वे (चुनावों में) हमारी संभावित विफलता के मद्देनजर हमारी मदद कर सकते हैं। लेकिन हमने हमेशा निर्वाचन आयोग और लोकतंत्र पर भरोसा किया। दुर्भाग्य से, जो लोग उद्धव और शरद से मिले, उनके दावे में सच्चाई हो सकती है।
पवार ने शनिवार को अपने दावों से राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी थी। पवार ने कहा था कि उन्होंने दोनों व्यक्तियों को विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मिलवाया था। राकांपा (एसपी) प्रमुख ने कहा था कि मैंने उन्हें राहुल गांधी से मिलवाया। उन्होंने (गांधी) उन दोनों व्यक्तियों ने जो कुछ भी कहा, उसे नजरअंदाज कर दिया। उनका यह भी मानना था कि हमें (विपक्ष को) ऐसे मामलों में नहीं पड़ना चाहिए और सीधे जनता के पास जाना चाहिए।
पवार ने यह खुलासा ऐसे समय में किया है जब राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी और निर्वाचन आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया है। भाजपा ने विधानसभा चुनावों में 132 सीटें जीतीं, जबकि उसकी सहयोगी शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने क्रमशः 57 और 41 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत दर्ज की थी। उधर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को पवार के दावों के समय पर सवाल उठाया और उन्हें सलीम-जावेद की पटकथा बताकर खारिज कर दिया।
नेताओं के दावे पर क्या बोले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि उन्हें इस बात पर आश्चर्य है कि कुछ नेता जो दावा कर रहे हैं कि उनसे चुनावों को प्रभावित करने में मदद की पेशकश करने वाले लोगों ने संपर्क किया था, उन्होंने कभी पुलिस या निर्वाचन आयोग से इस संबंध में शिकायत नहीं की। उन्होंने इन नेताओं पर कहानियां गढ़ने का आरोप लगाया।
राकांपा (शरद चंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को दावा किया था कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले दो व्यक्तियों ने उनसे नयी दिल्ली में मुलाकात की थी और 288 में से 160 निर्वाचन क्षेत्रों में विपक्ष की जीत की गारंटी दी थी।
पवार के बयान का समर्थन करते हुए शिवसेना (उबाठा) सांसद संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले दो लोगों ने उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की थी और 60-65 मुश्किल सीटों पर ईवीएम के जरिए जीत सुनिश्चित करने का वादा किया था।
फडणवीस ने पत्रकारों से कहा, मुझे आश्चर्य है कि कुछ लोग चुनावों को प्रभावित करने के लिए नेताओं के पास जाते हैं और वे (नेता) कुछ नहीं करते। वे पुलिस या निर्वाचन आयोग से शिकायत नहीं करते। यह सब कहानियां गढ़ने का खेल है। फडणवीस ने कहा कि जब निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों से पूछा कि वे दिखाएं कि ईवीएम को कैसे हैक किया जा सकता है, तो कोई भी आगे नहीं आया। उन्होंने कहा, विपक्ष को महायुति सरकार को मिले जनादेश का अपमान करना बंद करना चाहिए। भाषा Edited by : Sudhir Sharma