यह सर्वेक्षण 'गो बैंकिंग रेट्स' ने किया है। उसने देशों की रैंकिंग 4 प्रमुख मानकों पर तय की है। इसके लिए उसने नमबियो द्वारा ऑनलाइन जुटाए गए आंकड़ों का आकलन किया। सर्वेक्षण में स्थानीय क्रयशक्ति सूचकांक, किराया सूचकांक, आम उपभोग की वस्तुओं के (ग्रॉसरी) सूचकांक और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मानकों के आधार पर रैंकिंग की गई है।
दुनिया के 50 सबसे सस्ते देशों में किराया सूचकांक में भारत दूसरे क्रम पर है। उससे ऊपर सिर्फ पड़ोसी देश नेपाल का नाम आता है। इस हिसाब से अन्य देशों के मुकाबले रहने के लिए भारत सबसे सस्ता देश है। उपभोक्ता सामान और ग्रॉसरी की कीमतों के हिसाब से भी भारत सबसे सस्ता देश है, जहां कोलकाता शहर में 285 डॉलर मासिक खर्च में एक अकेला व्यक्ति अपनी गुजर-बसर कर सकता है।
सर्वेक्षण के हिसाब से 125 करोड़ की आबादी वाला भारत दुनिया के 50 सबसे सस्ते और ज्यादा आबादी वाले देशों में से एक है। यहां प्रमुख उद्योग कपड़ा, रसायन और खाद्य प्रसंस्करण हैं। इसके अलावा भारत के कई शहरों स्थानीय क्रयशक्ति भी अधिक है।
सर्वेक्षण के अनुसार भारतीयों की स्थानीय क्रयशक्ति 20.9% सस्ती, किराया 95.2% सस्ता, ग्रॉसरी की कीमत 74.4% सस्ती और स्थानीय सामान और सेवाएं 74.9% सस्ती हैं। भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का इस सूची में 14वां स्थान है। इसके अलावा कोलंबिया का 13वां, नेपाल का 28वां और बांग्लादेश का 40वां स्थान है। इन सभी देशों की इन चारों मानकों पर तुलना अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर से की गई है। (भाषा)