भारत और मालदीव के बीच संबंध तब गंभीर तनाव में आ गए जब चीन समर्थक नेता माने जाने वाले मुइज्जू ने 10 मई तक देश में तीन सैन्य मंचों का संचालन करने वाले भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी पर जोर दिया। पिछले साल मोइज्जू के चुनाव प्रचार अभियान में मालदीव में तैनात लगभग 90 भारतीय सैन्यकर्मियों की स्वदेश वापसी प्रमुख बात थी।
माले ने अंतिम गिनती नहीं दी : भारतीय सैन्यकर्मियों का पहला जत्था मार्च की शुरुआत में मालदीव से वापस बुला लिया गया था, इसके बाद अप्रैल में दूसरा जत्था रवाना हुआ, जिसमें कुल 51 सैनिक थे। मीडिया ने यहां बताया कि सभी भारतीय सैन्यकर्मी हालांकि देश से वापस चले गए हैं, माले ने अंतिम गिनती नहीं दी है।
इससे पहले सोमवार को मालदीव सरकार ने घोषणा की थी कि 51 सैनिकों को दो जत्थों में भारत वापस भेज दिया गया। सरकार ने आधिकारिक दस्तावेज के हवाले से मालदीव में 89 भारतीय सैनिकों की मौजूदगी की जानकारी दी थी। भारत-मालदीव उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की चार दौर की बैठकों के बाद भारत और मालदीव 10 मई से पहले शेष भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने पर सहमत हुए थे। आखिरी बैठक नई दिल्ली में तीन मई को हुई थी।
मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने की थी मुलाकात : विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा था कि भारतीय कर्मियों का पहला और दूसरा जत्था भारत लौट आया है और तीन भारतीय विमानन मंचों को संचालित करने के लिए अब भारतीय तकनीकी कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। यह घटनाक्रम मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर के भारत का दौरा करने के बीच हुआ है। उन्होंने गुरुवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour