मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया कि यूएनएमआईएसएस फोर्स कमांडर के रूप में उनके (तिनाइकर के) अथक समर्पण, अमूल्य सेवा और प्रभावी नेतृत्व के लिए महासचिव उनके आभारी हैं। लेफ्टिनेंट जनरल शैलेश तिनाइकर को गुतारेस ने मई 2019 में यूएनएमआईएसएस का फोर्स कमांडर नियुक्त किया था।
लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रमण्यम ने 36 वर्ष तक भारतीय सेना में सेवाएं दीं। हाल ही में, उन्होंने मध्य भारत में मिलिट्री रीज़न (ऑपरेशनल एंड लॉजिस्टिक रेडीनेस ज़ोन) के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में अपनी सेवाएं दीं।
इससे पहले, उन्होंने 2019 से 2021 तक रक्षा मंत्रालय (सेना) के एकीकृत मुख्यालय में खरीद एवं उपकरण प्रबंधन के लिए अतिरिक्त महानिदेशक और 2018 से 2019 तक स्ट्राइक इन्फैंट्री डिवीज़न में डिप्टी जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में कार्य किया। 2015 से 2016 तक इन्फैंट्री डिवीज़न के डिप्टी जनरल ऑफिसर कमांडिंग और 2013 से 2014 तक माउंटेन ब्रिगेड के कमांडर के रूप में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दीं।
उन्होंने 2008 से 2012 के बीच वियतनाम, लाओस और कंबोडिया में भारत के रक्षा प्रभारी के रूप में और 2000 में सिएरा लियोन में संयुक्त राष्ट्र मिशन के साथ एक स्टाफ ऑफिसर के रूप में कार्य किया था। लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रमण्यम के पास रक्षा एवं प्रबंधन अध्ययन और सामाजिक विज्ञान में मास्टर ऑफ फिलॉसफी की डिग्री है।
भारत, यूएनएमआईएसएस में दूसरा सबसे बड़ा सैन्य-योगदान करने वाला देश है। मिशन में 2385 शांतिरक्षकों के साथ भारत दूसरे स्थान पर है। सबसे अधिक शांतिरक्षक रवांडा के हैं। भारत के वर्तमान में यूएनएमआईएसएस में 30 पुलिसकर्मी तैनात हैं।