बलबीर सिंह उर्फ रंजीत सिंह (50) को 10 साल तक के कारावास, अधिकतम 2,50,000 डॉलर जुर्माना, उसकी नागरिकता निरस्त करने और उसके निर्वासन संबंधित लंबित आदेश को लागू किए जाने की सजा हो सकती है।
ह्यूस्टन के निवासी सिंह ने देश छोड़कर जाने के बजाए अपना नाम, जन्मतिथि और अमेरिका में प्रवेश करने का तरीका और अपने परिवार का इतिहास बदलकर दिखाते हुए फर्जी पहचान पत्र बनवाए ताकि वह वैध आव्रजक का दर्जा प्राप्त कर सके और बाद में किसी अमेरिकी नागरिक के साथ विवाह करने के आधार पर नागरिकता हासिल कर सके।
न्याय विभाग ने कहा कि इसके अलावा सिंह ने गृह सुरक्षा विभाग को वर्ष 2013 में एक पत्र भेजकर शिकायत की थी कि वह जब भी किसी अंतरराष्ट्रीय यात्रा से आता है तो उसकी बायोमीट्रिक सूचना में गड़बड़ी होने के कारण हवाई अड्डे पर हर बार उसे लंबे समय इंतजार करना पड़ता है जिसके कारण उसे परेशानी होती है। उसने विभाग से इन गड़बड़ियों को दूर करने का अनुरोध किया था।
नागरिकता हासिल करने के बाद एक फिंगरप्रिंट की तुलना में यह पता चला कि जिस व्यक्ति (बलबीर सिंह) को पहले निर्वासित करने का आदेश दिया गया था और जो व्यक्ति (रंजीत सिंह) बाद में नागरिक बना, वे दोनों एक ही हैं। अमेरिका के डिस्ट्रिक्ट जज इविंग वेलीन ने सजा सुनाने के लिए 13 अक्टूबर की तारीख तय की है। (भाषा)