ईरान के परमाणु कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी रखने वाला अमीरी जून 2009 में हज करने मक्का गए और वहीं से लापता हो गए। अमीरी ने 1 साल बाद जुलाई 2010 में ईरान लौटने पर सनीसनीखेज खुलाया करते हुए मीडिया को बताया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी (सीआईए) ने उसे जबरन उठा लिया था। उसका कहना था कि सीआईए ने उसे प्रताड़ित करके ईरान के परमाणु कार्यक्रम की जानकारी हासिल करने की कोशिश की।
दरअसल, उस वक्त अमेरिकी अधिकारियों ने अमीरी के दावे का खंडन करते हुए कहा था कि वह खुद ही ईरान के खिलाफ सबूत देना चाहते थे और उन्होंने ऐसा किया भी है। इसी के बाद उन्हें लंबी सजा हुई थी लेकिन कुछ दिनों पहले उन्हें फांसी दे दी गई। (वार्ता)