मंत्रालय ने कहा कि भारत आकर्षक नौकरियों की फर्जी पेशकश करके म्यांमा सहित विभिन्न दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में ले जाए गए अपने नागरिकों की रिहाई और स्वदेश वापसी के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। इन लोगों को बाद में म्यांमा-थाईलैंड सीमा से लगे क्षेत्रों में संचालित घोटाला केंद्रों में साइबर अपराध और धोखाधड़ी की अन्य गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया।