अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रवक्ता नौसेना कमांडर केल रैन्स ने कहा कि सिर्फ 23 मिनट के नोटिस पर रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने युद्धपोतों के समीप रॉकेट दागे। इस तरह की कार्रवाई बेहद उकसावे वाली, असुरक्षित तथा गैरजिम्मेदाराना है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य के लिए महत्वपूर्ण जलमार्ग की सुरक्षा के लिए ईरान की प्रतिबद्धता पर भी सवाल उठाया है।
उल्लेखनीय है कि 1980 के दशक में ईरान-इराक युद्ध के समय ईरानी तथा अमेरिकी सेना के बीच खाड़ी में संघर्ष हुआ था। गौरतलब है कि अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस तथा जर्मनी के साथ गत जुलाई में हुए समझौते के अनुसार ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम में कटौती करेगा और इसके बदले में अमेरिका, यूरोपीय संघ तथा संयुक्त राष्ट्र ईरान के खिलाफ लगी अपनी आर्थिक पाबंदियां खत्म करने की शुरुआत करेंगी। (वार्ता)