इस्कॉन की बांग्लादेशी हिंदुओं को सलाह, भगवा रंग से बचें, तिलक पोंछ दें

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 3 दिसंबर 2024 (10:41 IST)
Bangladesh news in hindi : बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। इस बीच इस्कॉन कोलकाता ने बांग्लादेशी हिंदुओं को कट्टरपंथियों के हमले से बचने के लिए घर से निकलते वक्त अपनी पहचान छिपाने की सलाह दी है। इस्कॉन ने कहा कि पूजा पाठ घर या मंदिर में ही करें। भगवा रंग से बचें, तुलसी की माला छिपाएं, तिलक पोंछ दें और अपना सिर ढकें। ALSO READ: बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा पर क्यों सख्त नहीं भारत सरकार
 
इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि मंदिरों और घरों के अंदर ही अपने धर्म का पालन करें, लेकिन बाहर निकलते समय सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि मैं सभी साधुओं और सदस्यों को सलाह देता रहा हूं कि संकट की इस घड़ी में खुद को बचाने की हर संभव कोशिश करें। मैं उन्हें भगवा कपड़े पहनने और माथे पर तिलक लगाने से बचने की सलाह देता हूं।
 
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार, राधारमण दास ने अपील की है कि अगर वो भगवा धागा पहनना चाहते हैं, तो इस तरह से पहने कि यह कपड़ों के अंदर छिपा रहे और गर्दन के आसपास दिखाई न दे। उन्हें हर संभव उपाय करना चाहिए, जिससे वे साधुओं की तरह न दिखें।
 
चिन्मय कृष्ण दास के वकील पर हमला : राधारमण दास ने दावा किया कि बांग्लादेश में आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास का एक कानूनी मामले में बचाव करने वाले अधिवक्ता रमन रॉय पर बर्बर हमला किया गया है और उनकी हालत बेहद गंभीर है। रॉय का एकमात्र कसूर था कि उन्होंने अदालत में चिन्मय कृष्ण दास का बचाव किया था। ALSO READ: बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास के वकील पर हमला, हालत गंभीर

इस्कॉन के 63 ब्रह्मचारियों को रोका : इस बीच बांग्लादेश सरकार ने इस्कॉन के 63 ब्रह्मचारियों को भारत जाने से रोक दिया है। उनके पास वैध वीजा और अन्य सभी दस्तावेज भी थे। पुलिस का कहना है कि बांग्लादेशी इंटेलिजेंस ने उन्हें भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं देने को कहा है। 
 
त्रिपुरा में बांग्लादेशी पर्यटकों को नहीं मिलेगी सेवाएं : बांग्लादेश में भारतीय ध्वज का अपमान किए जाने के मद्देनजर ‘ऑल त्रिपुरा होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन (एटीएचआरओए)’ ने बांग्लादेशी पर्यटकों को अपनी सेवाएं उपलब्ध नहीं कराने का निर्णय लिया है। संगठन ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ किए जा रहे व्यवहार की भी निंदा की। इससे पहले, निजी अस्पताल ‘आईएलएस हॉस्पिटल’ ने पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर किए जा रहे अत्याचारों के विरोध में बांग्लादेश के किसी भी मरीज का इलाज नहीं करने की घोषणा की थी।
edited by : Nrapendra Gupta
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