लंदन। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का मानना है कि शांति और समृद्धि की राह भारत के साथ सैन्य सहयोग के रास्ते होकर जाती है। पाकिस्तान के एक विशेषज्ञ ने एक ब्रिटिश थिंक टैंक कमेंट्री में यह कहा है। पड़ोसी देश में नीतिगत फैसलों पर गहरा प्रभाव रखने वाली पाक थलसेना ने देश की आजादी के बाद कई बरसों तक सत्ता को अपने नियंत्रण में रखा है।
पिछले हफ्ते जारी अपनी रिपोर्ट में आलम ने कहा है कि बाद में जनरल बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान सेना भारत के साथ शांति और वार्ता चाहती है। दोनों देश सितंबर में रूस में संयुक्त सैन्य अभ्यास में भी भाग लेंगे जिसमें चीन भी हिस्सा लेगा। खबर में कहा गया है कि यह पहल नियंत्रण रेखा पर लगभग हर सप्ताह दोनों ओर से हुई गोलीबारी की पृष्ठभूमि में की गई हैं। हालांकि नवंबर 2016 में बाजवा के सीओएएस बनने के बाद से रुख में भी बदलाव आया है।
पिछले साल ब्रिटेन की यात्रा के दौरान जनरल बाजवा ने आरयूएसआई में अपने संबोधन में कहा था पाकिस्तान की सेना असुरक्षित नहीं है, उसे अपने भविष्य पर भरोसा है और वे पाकिस्तान की प्रमुख अवसंरचना परियोजना चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) में भारत की भागीदारी का स्वागत करते हैं।