लियू शियाओबो को जब वर्ष 2010 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला था, तब से 57 वर्षीय कवयित्री को नजरबंद रखा गया है, जबकि उन पर कोई आरोप नहीं हैं। उन्हें किसी तरह की गतिविधि करने को लेकर मनाही थी और कई कठोर प्रतिबंध लगाए गए थे।
चीन से बाहर जाने की अनुमति मिलने के बाद लियू ने हेलसिंकी होते हुए बर्लिन के लिए उड़ान भरी थी। बर्लिन के असंतुष्ट लियाओ यीवू और जर्मनी की नोबेल पुरस्कार विजेता हर्टा म्यूलर सहित कई लोग हवाईअड्डे पर उनके स्वागत के लिए मौजूद थे और जैसे ही वे विमान से उतरीं, लोगों ने उनके नाम के नारे लगाने शुरू कर दिए।
लेकिन लियू इसके तुरंत बाद एक काली गाड़ी में सवार हुईं और बिना कोई टिप्पणी किए वहां से रवाना हो गईं। लियाओ ने इससे पहले टि्वटर पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, मैं बहुत, बहुत, बहुत खुश हूं! आखिरकार शिया आज लौट रही हैं!!