डूडल में एक रंगीन और ब्लैक एंड व्हाइट चित्र बनाया गया है जिसमें प्रोफेसर खुराना वैज्ञानिक प्रयोग करते हुए दिखाई दे रहे हैं और साथ में उनकी एक बड़ी-सी तस्वीर बनाई गई है। भारत में नौ जनवरी 1922 को रायपुर (अब पाकिस्तान में) के एक बहुत ही छोटे से कस्बे में जन्मे खुराना अपने पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे थे।
भारत सरकार ने छात्रवृत्ति प्रदान कर उन्हें शोध कार्यों के लिए इंग्लैंड भेजा। वह वर्ष 1952 से 1960 तक यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया में फैकल्टी रहे जहां उन्होंने ऐसे शोध कार्य किए जिनके लिए उन्हें अमेरिकी वैज्ञानिकों मार्शल डब्ल्यू. नीरेनबर्ग और डॉ. रॉबर्ट डब्लू. रैले के साथ संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार दिया गया। इस अनुसंधान से यह पता लगाने में मदद मिली कि कोशिका के आनुवंशिक कूट को ले जाने वाले न्यूक्लिक एसिड न्यूक्लिओटाइड्स कैसे कोशिका के प्रोटीन संश्लेषण (सिंथेसिस) को नियंत्रित करते हैं।