जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर की मौत की खबर का सच...
सोमवार, 4 मार्च 2019 (00:30 IST)
इस्लामाबाद। भारत में हुए कई आतंकी हमलों के जिम्मेदार जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर क्या वाकई मौत की नींद सो चुका है? रविवार देर शाम एक बार फिर इस आतंकी के मरने की खबर आई लेकिन किसी भी एजेंसी के अलावा खुद पाकिस्तान ने भी इसकी पुष्टि नहीं की है कि इस दरिंदे की मौत हो चुकी है। यह भी कहा जा रहा है कि मसूद की मौत की आधिकारिक जानकारी पाकिस्तानी की सेना की अनुमति के बाद दी जाएगी। यह घोषणा कब होगी, कोई नहीं जानता...।
मीडिया में सूत्रों के जरिए आ रही खबरों का बाजार गर्म है कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर की मौत लिवर कैंसर की वजह से 2 मार्च को हो गई है। दुनिया यह मानने को तैयार नहीं है कि वाकई मसूद अजहर की मौत हो गई है तो पाकिस्तान मौत के आगोश में चले गए इस आतंकी की सूरत क्यों नहीं दिखा रहा है?
पाकिस्तानी मीडिया का दावा, मसूद अजहर जिंदा है : भारत का सबसे वांछित आतंकवादी और जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर ‘जीवित’ है। पाकिस्तानी मीडिया की एक खबर में अजहर के परिवार के करीबी सूत्रों के हवाले से रविवार देर रात यह बात कही गई। जियो उर्दू न्यूज ने बताया कि जिन मीडिया रिपोर्टों में मसूद के मारे जाने का दावा किया गया है, वे झूठे हैं।
मसूद अजहर के परिवार के करीबी अज्ञात सूत्रों का हवाला देते हुए चैनल ने कहा कि मसूद अजहर ‘जिंदा’’ है लेकिन चैनल ने उसके स्वास्थ्य के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। मसूद अजहर के बारे में पाकिस्तानी सरकार ने कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। संघीय सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने अजहर की मौत के दावों वाली मीडिया रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर ‘मुझे इस समय कुछ भी मालूम नहीं है।’
दुनिया का कोई भी देश पाकिस्तान पर भरोसा नहीं कर सकता। चूंकि पुलवामा हमले के बाद हुए घटनाक्रम में भारत के अलावा ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका का शिकंजा मसूद अजहर पर कसता जा रहा है लिहाजा पाकिस्तान द्वारा उसकी मौत की खबर को फैलाना एक रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है ताकि वह 'आतंकिस्तान' बने देश में सुरक्षित रह सके।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने पिछले दिनों सीएनएन को जो इंटरव्यू दिया था, उसमें उन्होंने कहा था कि मसूद अजहर काफी बीमार है और वह इतना बीमार है कि अपने घर से बाहर भी नहीं जा सकता। पाक विदेश मंत्री तो यह भी मानने के लिए तैयार नहीं है कि पुलवामा अटैक में 40 से ज्यादा सीआरपीएफ जवानों की मौत की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।
14 फरवरी को पुलवामा हमले का बदला भारत ने 26 फरवरी को तड़के 3 बजकर 21 मिनट पर लिया था, जब भारत के 12 मिराज-2000 विमानों ने बालाकोट में जैश के मुख्यालय को तहस-नहस करके 350 से ज्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया था।
रिटायर्ड कर्नल आशीष खन्ना का ऐसा मानना है कि भारत ने जब एयर स्ट्राइक किया था, तब मसूद अजहर भी उसी कैंप में रहा होगा और हमले में घायल हुआ होगा। बाद में यदि इलाज के दौरान वह मर भी गया है तो पाकिस्तान इस बात को छुपाना चाह रहा है।
संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने मसूद को 'ग्लोबल टेररिस्ट' घोषित करने का प्रस्ताव भी दिया है जिस पर अगले 10 दिन में फैसला आना है, लिहाजा पाकिस्तान द्वारा जैश-ए-मोहम्मद के सरगना की मौत की खबर फैलाना भी उसकी रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
सनद रहे कि 2016 में हुआ पठानकोट एयरफोर्स बेस अटैक, इसी साल जम्मू के उड़ी में टेरर अटैक और 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के पीछे भी मसूद अजहर का ही हाथ है। पुलवामा हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। जैश-ए-मोहम्मद ने एक वीडियो जारी कर इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
अमेरिका ने जिस खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में घुसकर मार गिराया था, उसी आतंकी का करीबी रहा है मसूद अजहर। 31 दिसंबर 1999 को कंधार प्लेन हाईजैक मामले में भारत ने मसूद अजहर को छोड़ दिया था। इसके बाद ही उसने पाकिस्तान में जाकर जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना करके आतंकियों को ट्रेनिंग देने का काम शुरू किया था।
यदि वाकई यह खबर सच है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर मौत के मुंह में समा गया है तो पूरी दुनिया के लिए यह एक अच्छी खबर ही मानी जाएगी लेकिन फिलहाल उसकी मौत की पुष्टि की बड़ी खबर आना बाकी है।