ईरान की सीमा से सटे हेरात प्रांत के पश्चिमी भाग में स्थित चिश्त-ए-शरीफ में मोदी ने कहा कि भारत में पहले चिश्ती संत, ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती, ने कहा है कि लोगों में सूरज जैसा स्नेह, नदी जैसी उदारता और धरती जैसी आतिथ्य की भावना होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके दिमाग में सिर्फ अपने पैतृक स्थान की सुन्दर छवि ही नहीं थी, बल्कि वह अफगान लोगों की भी व्याख्या कर रहे थे। इसलिए, जब दिसंबर में मैं काबुल आया तो, आपके आतिथ्य में आपके दिलों का प्यार देखा। प्रधानमंत्री ने भाषण समाप्त करते हुए अफगानिस्तान के लोगों और पूरी दुनिया के मुसलमानों को पाक महीना रामजान की शुभकामना दी। (भाषा)