हिंसा से विस्थापित हुए सभी समूहों के प्रति दुख जताते हुए उन्होंने कहा कि उनका देश सत्यापन प्रक्रिया के जरिए किसी भी समय शरणार्थियों को वापस बुलाने के लिए तैयार है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि म्यांमार से भागे 410,000 रोहिंग्या में से कितने लोग वापस आने के योग्य हैं। म्यांमार की सेना ने कहा है कि वह आतंकवादियों से जुड़े लोगों को वापस नहीं आने देगी।