भराड़ा ने कहा, मोदी इस मुकदमे को लेकर इस अदालत के अधिकार क्षेत्र से छूट पाने के हकदार हैं। न्यूयॉर्क स्थित मानवाधिकार संस्था अमेरिकन जस्टिस सेंटर :एजेसी: ने गोधरा हिंसा में जीवित बचे दो लोगों के साथ मिलकर मोदी के खिलाफ मुकदमा दायर किया था।
भराड़ा ने कहा कि कार्यपालिका शाखा द्वारा स्वीकार पारंपरिक अंतरराष्ट्रीय कानूनी सिद्धातों के तहत किसी भी राष्ट्राध्यक्ष एवं शासनाध्यक्ष को पद पर रहते हुए छूट मिलती है। भारतीय मूल के एटॉर्नी ने कहा, राष्ट्राध्यक्ष अथवा शासनाध्यक्ष के पद से मुक्त होने के बाद उस व्यक्ति को उन्हीं कदमों के लिए छूट मिलती है जो उसने पद पर रहते हुए उठाए थे। एजेसी की ओर से दायर मुकदमे के जवाब में भराड़ा ने यह दलील पेश की है।
एजेसी के एटॉर्नी गुरवंत सिंह पन्नून ने कहा, हम अमेरिकी सरकार के छूट संबंधी सुझाव को चुनौती देंगे। उन्होंने कहा, अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से दिए गए सुझाव से न सिर्फ अमेरिकी कानूनों तथा मानवाधिकार के उल्लंघन पर अमेरिकी नीति का उल्लंघन होता है बल्कि इससे मानवाधिकार प्रवर्तन अधिनियम एवं अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम जैसे अमेरिकी कानूनों के कई प्रावधानों का भी उल्लंघन होता है।