अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने एक बयान में कहा कि इस बदलाव से इंजीनियरों को समस्या का विस्तार से निदान करने में मदद मिलेगी। नासा के अधिकतम अंतरिक्ष यानों की तरह क्यूरोसिटी में भी दो कंप्यूटर मौजूद हैं, जिन्हें साइड ए और साइड बी कंप्यूटर कहा जाता है ताकि किसी एक में खराबी आने के बाद भी वह काम करना जारी रख सके।
नासा की जेट प्रपल्शन लेबोरेटरी के इंजीनियरों ने रोवर को साइड बी की जगह साइड ए का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया था। रोवर ने मंगल पर उतरने के बाद शुरुआती तौर पर इसी कंप्यूटर का इस्तेमाल किया था। वैज्ञानिकों का कहना है कि रिले ऑर्बिटर से संपर्क होने पर वह अपनी अल्पकालिक स्मृति में संग्रहित सीमित डेटा को लगातार भेज रहा है।
अन्य सभी तरीके से रोवर दुरुस्त है और आदेश प्राप्त कर रहा है। हालांकि जिस कारण से क्यूरोसिटी रोवर अपनी दीर्घकालिक स्मृति में विज्ञान डेटा संग्रहित नहीं कर पा रहा उसी कारण से रोवर के घटनाक्रम के रिकॉर्ड भी संग्रहित नहीं हो पा रहे हैं। उसके सभी कार्यों के रिकॉर्ड के आधार पर ही इंजीनियर कोई निदान निकाल पाएंगे। (भाषा)