फ्रांस के पेरिस डाइडरॉट विश्वविद्यालय के खगोलविद सेबस्टियन रोड्रिग्स ने बताया कि वे पृथ्वी और मंगल के साथ एक और समानता जोड़ सकते हैं, वह है धूल भरी आंधी का चलना। टाईटन की विषुवत रेखा के आसपास स्थित रेत के टीलों से धूल भरी आंधी चलती है।
गौरतलब है कि सौरमंडल में टाईटन किसी ग्रह एक मात्र ऐसा चंद्रमा है जहां एक वायुमंडल है। बस, अंतर इतना है कि पृथ्वी की सतह पर मौजूद नदियां, झील और महासागर पानी से भरे हुए हैं जबकि टाईटन पर यह प्राथमिक रूप से मीथेन और ईथेन है जो तरल भंडारों से होकर प्रवाहित होता है।
आर्गेनिक धूल उस वक्त बनती है जब सूरज की रोशनी और मीथेन के संपर्क में आने से बने आर्गेनिक अणु सतह पर गिरने के लिए बड़े आकार के हो जाते हैं। धूल भरी आंधी पैदा करने वाली प्रबल हवालों की मौजूदगी का यह मतलब है कि टाईटन के विषुवतीय क्षेत्रों को ढके हुए रेत के टिब्बे अब भी सक्रिय हैं और इनमें लगातार बदलाव हो रहा है।