इस्लामाबाद। ‘पंजाब का शेर’ कहे जाने वाले नवाज शरीफ रिकॉर्ड तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने, लेकिन हर बार किसी न किसी वजह से कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। कभी राष्ट्रपति कार्यालय के जरिए, फिर सेना और अब न्यायापालिका द्वारा उनको सत्ता से बेदखल किया गया।
पाकिस्तान के सबसे रसूखदार सियासी परिवार और सत्तारूढ़ पार्टी पीएमएल-एन के मुखिया शरीफ जून, 2013 में तीसरे कार्यकाल में सत्ता पर आसीन होने के बाद से सभी ‘सुनामी’ से पार पाने में सफल रहे, लेकिन पनामागेट मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें अयोग्य ठहरा दिया जो उनके करियर के लिए बहुत बड़ा झटका है।
सर्वोच्च न्यायालय ने शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए संयुक्त जांच दल के गठन का फैसला किया। शरीफ, उनके बेटों हसन और हुसैन, बेटी मरियम तथा भाई एवं पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ जेआईटी के समक्ष पेश हुए। जेआईटी ने गत 10 जुलाई को अपनी रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंपी थी।