नए कानून में किसी महिला को इस प्रथा को मानने के लिए मजबूर करने वाले को तीन माह जेल की सजा या 3000 का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। महिलाओं को मासिक धर्म की अवधि के दौरान घर से दूर एक झोपड़ी में सोने के लिए विवश किया जाता है, जिसे छाउ गोठ कहा जाता है। पिछले महीने इसी तरह की एक झोपड़ी में सोई एक किशोरी को सांप ने डस लिया और उसकी मौत हो गई। 2016 में भी इस कुप्रथा के कारण दो महिलाओं की जान चली गई थी।