न्यूयॉर्क (अमेरिका)। न्यूयॉर्क स्टेट असेम्बली ने 5 फरवरी को 'कश्मीर अमेरिकी दिवस' घोषित किए जाने का गवर्नर एंड्रयू कुओमो से अनुरोध करने संबंधी प्रस्ताव पारित किया है जिस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह लोगों को विभाजित करने के लिए जम्मू-कश्मीर के समृद्ध सांस्कृतिक एवं सामाजिक ताने-बाने की गलत व्यख्या करने की निहित स्वार्थों की चिंताजनक कोशिशें हैं। इस प्रस्ताव को असेम्बली के सदस्य नादर सायेघ और 12 अन्य सदस्यों ने प्रायोजित किया है।
प्रस्ताव में कहा गया है कि कश्मीरी समुदाय ने हर कठिनाई को पार किया है, दृढ़ता का परिचय दिया है और अपने आपको न्यूयॉर्क प्रवासी समुदायों के एक स्तम्भ के तौर पर स्थापित किया है। इसमें कहा गया है कि न्यूयॉर्क राज्य विविध सांस्कृतिक, जातीय एवं धार्मिक पहचानों को मान्यता देकर सभी कश्मीरी लोगों की धार्मिक, आवागमन एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता समेत मानवाधिकारों का समर्थन करने के लिए प्रयासरत है।
प्रवक्ता ने प्रस्ताव संबंधी प्रश्न का उत्तर देते हुए शनिवार को कहा कि हम भारत-अमेरिका साझेदारी और विविधताभरे भारतीय समुदाय से जुड़े सभी मामलों पर न्यूयॉर्क स्टेट में निर्वाचित प्रतिनिधियों से संवाद करेंगे। यह प्रस्ताव 3 फरवरी को न्यूयॉर्क असेम्बली में पारित किया गया था जिसमें कुओमो से 5 फरवरी, 2021 को न्यूयॉर्क राज्य में 'कश्मीर अमेरिकी दिवस' घोषित करने का अनुरोध किया गया है।
न्यूयॉर्क में पाकिस्तान के महावाणिज्य दूतावास ने इस प्रस्ताव को पारित कराने के लिए साएघ और 'द अमेरिकन पाकिस्तानी एडवोकेसी ग्रुप' की सराहना की। पाकिस्तान 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने और उसे जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख के रूप में 2 केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के कारण भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग जुटाने के असफल प्रयास करता रहता है। भारत, पाकिस्तान से कह चुका है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा तथा इससे जुड़े मामले उसके आंतरिक मामले हैं। (भाषा)