सोल। उत्तर कोरिया ने उसके परमाणु कार्यक्रमों को लेकर बढ़े तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र के नए प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया देते हुए शुक्रवार को एक बार फिर प्रशांत क्षेत्र में एक मिसाइल दागी जो जापान के ऊपर से होकर गुजरी। ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तर कोरिया द्वारा अब तक दागी गई मिसाइलों में से इस मिसाइल ने सर्वाधिक दूरी तय की। इस मिसाइल परीक्षण से दुनियाभर में हड़कंप मच गया। अमेरिका ने चीन तथा रूस से उत्तर कोरिया पर सीधी कार्रवाई करने की अपील की है।
प्योंगयांग के निकट से यह परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल एवं परमाणु हथियार कार्यक्रमों को लेकर उसके खिलाफ प्रतिबंधों के आठ सेट लागू किए हैं।
जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो ने कहा कि उनका मानना है कि कोरिया ने आज जिस मिसाइल का परीक्षण किया वह इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) था।
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जापान के सार्वजनिक प्रसारक निप्पॉन होसो क्योकाई (एनएचके) की खबर के अनुसार उ. कोरिया ने आज एक मिसाइल परीक्षण किया जो जापान के उत्तरी होक्काइदो द्वीप से दूर प्रशांत महासागर में गिरी।
इस परीक्षण के बाद दक्षिण कोरिया और जापान के अधिकारियों ने कहा कि उ. कोरिया ने हाल में किए गए परमाणु परीक्षण के बाद इस मिसाइल परीक्षण से तनाव को और बढ़ाया दिया है।
इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने चीन तथा रूस से उत्तर कोरिया द्वारा किए गए मिसाइल परीक्षण को लेकर सीधी कार्रवाई करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि चीन तथा रूस को सीधी कार्रवाई के जरिये इस दुस्साहसी मिसाइल परीक्षण को लेकर अपनी असहिष्णुता प्रकट करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि चीन उ. कोरिया को सबसे अधिक तेल आपूर्ति करता है तथा रूस उत्तरी कोरियाई मजबूर श्रम का सबसे बड़ा नियोक्ता है।
दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय ने आज उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण की कड़ी निंदा की और इसे अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा बताया। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि दक्षिण कोरिया उ. कोरिया के किसी भी धमकी का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है और वह उ. कोरिया के उकसाने के कारण अपनी क्षमता को और बढ़ाएगा।
इससे पहले उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरूआत में अपना छठा परमाणु परीक्षण किया था जो अब तक का उसका सबसे बड़ा परीक्षण है। प्योंगयांग ने कहा कि यह एक हाइड्रोजन बम था जो इतना छोटा है कि इसे मिसाइल में फिट किया जा सकता है।