एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि गोलीबारी से पहले एडम जोर-जोर से चिल्ला रहा था कि मेरे देश से बाहर जाओ। इस हमले के बाद कंसास शहर में रहने वाले भारतीय समुदाय का कहना है कि अब उनमें अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता हो गई है। ओवरलैंड उपशहरी क्षेत्र में एक डांस अकादमी चलाने वाली समर्पिता बाजपेयी (45) का कहना है कि हमें इस घटना से काफी झटका लगा है क्योंकि हम यहां काफी समय से रहते आए हैं और यह एक तरह से हमारे घर जैसा हो गया है। मैं पिछले 20 वर्षों से यहां रह रही हूं और अब रात में कहीं भी जाने से पहले कईं बार सोचना होगा। यहां के स्थानीय क्षेत्रों में हमारा जोरदार स्वागत होता था। उनके डांस ग्रुप में 10 अन्य सदस्य हैं, जो अमेरिकी है और भारतीय संस्कृति को खूब पसंद करते हैं।
इस गोलीबारी के बाद अमेरिका में रहने वाला अल्पसंख्यक समुदाय अब अपने आपको थोड़ा असुरक्षित और असहज मानने लगा है क्योंकि यहां के राजनीतिक और सामाजिक माहौल में काफी बदलाव आ चुका है खासकर नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बयानबाजी से लोग अपने को कम सुरक्षित मान रहे हैं। एक संगठन द सदर्न पॉवटर्टी लॉ सेंटर" की इस माह पेश रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से कट्टरवादी संगठनों में काफी विस्तार हुआ है।
कंसास शहर की कुल अाबादी 20 लाख के आसपास है और यहां भारतीय लोगों की तादाद 25 हजार से 30 हजार के बीच है। कंसास में भारतीय समुदाय संघ के पूर्व अध्यक्ष विजय एनापुरापु ने बताया कि वर्ष 2001 के बाद शहर में भारतीय लोगों की संख्या में दस गुना बढ़ोतरी हुई है। एक स्थानीय चैनल सिटी स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक इस गोलीबारी को अंजाम देने के बाद वहां से भागते समय हमलावर जोर जोर से चिल्ला रहा था कि उसने मध्य एशिया के दो लोगों को गोली मार दी है।