अपने गृहनगर चितवान में रविवार को एनसीपी के सदस्यों को संबोधित करते हुए प्रचंड ने कहा कि वे पार्टी की एकता को बरकरार रखने के लिए दृढ़ हैं और एक बड़ी पार्टी में मतभेद, विवाद और बहस स्वाभाविक हैं। प्रचंड समेत पार्टी के शीर्ष नेता प्रधानमंत्री ओली का इस्तीफा मांग रहे हैं। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री की भारत विरोधी टिप्पणी 'न राजनीतिक रूप से सही हैं और न ही कूटनीतिक रूप से उचित।'
मतभेद तब और बढ़ गए जब ओली ने कहा कि उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए सत्तारूढ़ दल के नेता दक्षिणी पड़ोसी के साथ मिल गए हैं, क्योंकि उनकी सरकार ने नया राजनीति नक्शा जारी किया है जिसमें भारत के 3 क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
ओली और प्रचंड हाल के दिनों में आमने-सामने की आधा दर्जन से ज्यादा वार्ताएं कर चुके हैं और सत्ता में साझेदारी के समझौते के बहुत करीब पहुंच गए हैं। शुक्रवार को एनसीपी की 45 सदस्य शक्तिशाली स्थायी समिति की बैठक आखिरी समय पर चौथी बार टाली गई थी। इसका कारण बाढ़ और भूस्खलन बताया गया है जिसमें कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई है।