पाक बोला, परमाणु हथियारों पर पाबंदियां स्वीकार नहीं
गुरुवार, 22 अक्टूबर 2015 (10:37 IST)
इस्लामाबाद/वाशिंगटन। पाकिस्तान छोटे सामरिक परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर इसी प्रकार की पाबंदी को स्वीकार नहीं करेगा। पिछले दो वर्षों में पाकिस्तान ने ऐसी मिसाइलों का परीक्षण किया है जो भारत के किसी भी भाग में पहुंचने में सक्षम है।
पाकिस्तान के अधिकारियों ने कहा है कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मुलाकात के दौरान उन्हें पाकिस्तान के इस पक्ष से अवगत करांएगें।
पाकिस्तान का मानना है कि उसके छोटे परमाणु हथियार पड़ोसी देश भारत की ओर से अचानक किए गए किसी भी हमले को रोकेगा। लेकिन अमेरिका इस बात से चिंतिंत है कि सामरिक हथियारों की मौजूदगी से इस क्षेत्र में पहले से व्याप्त अस्थिरता को और बढ़ा सकती है।
शरीफ और ओबामा के बीच आज व्हाइट हाउस में मुलाकात का कार्यक्रम है। अमेरिकी सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान के परमाणु हथियारों में वृद्धि को लेकर अमेरिका चिंतित है इसके बावजूद ओबामा प्रशासन दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए पाकिस्तान को आठ एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने की तैयारी में है।
साउथ एशियन स्ट्रैटेजिक स्टेबिलिटी इंस्टीट्यूट की प्रमुख मारिया सुल्तान ने कहा कि अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान सामरिक परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करने का संकल्प ले लेकिन पाकिस्तान पड़ोसी मुल्क की ओर से किए गए किसी भी हमले को रोकने के लिए परमाणु हथियार के इस्तेमाल का विकल्प खुला रखना चाहता है।
पाकिस्तान का कहना है कि अमेरिका उसके परमाणु हथियारों के सीमित इस्तेमाल के लिए जो तर्क दे रहा है वह अविवेकपूर्ण हैं।
पाकिस्तान के एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम भारत केन्द्रित है और युद्ध की स्थिति में एक विकल्प के तौर पर इसका इस्तेमाल करने की रणनीति है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसी परमाणु पनडुब्बी बनाने पर काम कर रहा है जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हो और जमीनी परमाणु हथियार नष्ट होने की स्थिति में समुद्र से हमले कर सके।
पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज चौधरी ने मंगलवार को कहा था कि भारत से खतरे को देखते हुए मिसाइलों का परीक्षण किया गया। परमाणु अप्रसार विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान के सामरिक परमाणु हथियारों से परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ सकता है। (वार्ता)