'डान' की खबर के अनुसार सरकार के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान एक के बाद दूसरी सरकारों विशेष रूप से बलूचिस्तान तथा कबाइली क्षेत्रों में आतंकवादी घटनाक्रमों में भारत की भूमिका की ओर ध्यान आकृष्ट करता रहा है किंतु इसे नजरअंदाज किया जाता रहा है। अधिकारी ने भारत की भूमिका के बारे में किसी ठोस सूचना का खुलासा नहीं किया।
सूत्रों के अनुसार आतंकवाद को लेकर भारत के प्रतिरुख में बदलाव का संकेत नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित की प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ बातचीत के दौरान भी दिया गया। भारत तथा अमेरिका की संयुक्त विज्ञप्ति के बाद पाकिस्तान द्वारा दी गई प्रतिक्रिया में भी पाकिस्तान के रुख का संकेत दिया गया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने भी अपने वक्तव्य में बाहर से प्रायोजित आतंकवाद का उल्लेख किया और आशा व्यक्त की कि पाकिस्तान आतंकवाद के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय संघर्ष के प्रति जिस प्रकार की प्रतिबद्धता दिखा रहा है, दूसरे भी उसके साथ वही रुख अपनाएंगे।