दिसंबर 2014 में पेशावर के एक स्कूल पर तालिबान के हमले के बाद 2015 में सैन्य अदालतों को यह अनुमति दी गई थी। इस हमले में 154 लोग मारे गए थे जिनमें से ज्यादातर स्कूली छात्र थे। सेना ने कहा कि पिछली 2 वर्ष की अनुमति के दौरान 274 मामले सैन्य अदालतों में भेजे गए जिनमें 161 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई। (भाषा)