अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की ओर से जाधव को वकील मुहैया कराने के आदेश के लगभग 15 दिन बाद पाकिस्तान ने यह कदम उठाया है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तान पर वियेना संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए उसे जाधव से राजनयिकों को मिलने का आदेश दिया था और कहा था कि उनकी फांसी की सजा पर तब तक रोक लगी रहनी चाहिए जब तक कि पाकिस्तान अपने फैसले पर पुनर्विचार और उसकी प्रभावी समीक्षा नहीं कर लेता।
विदेश मंत्रालय ने 19 जुलाई को विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अंतरराष्ट्रीय अदालत के आदेशों का अनुसरण करते हुए भारतीय नौसेना के पूर्व कमांडर जाधव को वियेना संधि के अनुच्छेद 36 (1) (बी) के तहत उनके अधिकार के बारे में बताया गया है। पाकिस्तान देश के कानूनों के मुताबिक कुलभूषण जाधव को राजनयिकों से मिलने की इजाजत प्रदान करेगा।