पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार खान ने कहा कि 1984 में पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण की योजना भी बना ली थी लेकिन जनरल हक ने इसका विरोध किया। जनरल हक का तर्क था कि ऐसा करने से अफगानिस्तान पर सोवियत संघ के कब्जे की वजह से देश को जो अंतरराष्ट्रीय सहायता मिल रही हैं, उसमें कटौती होगी।