सरकार की कार्रवाई के बाद सईद ने कहा, 'बिना किसी कानूनी आधार के मुझे 10 महीने तक हिरासत में रखने के बाद, सरकार अब हमारे स्कूलों, डिस्पेंसरी, एम्बुलेंस और अन्य संपत्तियों को नियंत्रण में लेने के लिए अधिसूचना जारी कर रही है। इससे पंजाब, बलूचिस्तान, सिंध, आजाद कश्मीर और उत्तरी भागों में चलने वाले हमारे राहत अभियानों पर असर पड़ेगा।'
गृह मंत्रालय की अधिसूचना की प्रति के मुताबिक, '2018 की अधिसूचना संख्या-2 के तहत संघीय सरकार जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन से जुड़ी (चल, अचल और मानव संसाधन) संपत्तियों को जब्त करने और नियंत्रण में लेने का निर्देश देती है। यह अधिसूचना 10 फरवरी को जारी की गयी है।
सईद ने कहा कि यह सबसे मुश्किल वक्त है, लेकिन कार्यकर्ता शांति बनाए रखें। शासक राजाओं से ज्यादा वफादारों के रूप में काम कर रहे हैं। भारत कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को लागू करने पर कभी विचार नहीं करता, लेकिन हमारे शासकों ने जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन जैसे देशभक्त संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति की ओर से आदेश पारित करवाया है।