पाकिस्ती अखबार डॉन में प्रकाशित खबर के अनुसार आसिफ ने मंगलवार को पाकिस्तान की संसद में कहा कि भारतीय खुफिया एजेंसी 'रॉ के लिए काम करने वाले नौसेना अधिकारी को पिछले वर्ष मार्च में गिरफ्तार किया गया था और अदालत में साढ़े तीन महीने तक उस पर मामला चलने के बाद यह फैसला आया है। उन्होंने कहा कि जाधव पर भारत के लिए जासूसी, पाकिस्तान की अखंडता के खिलाफ काम करने, देश में आतंकवाद को प्रायोजित करने और देश को अस्थिर करने का प्रयास जैसे आरोप सिद्ध हुए हैं।
आसिफ ने दावा किया कि सेना की अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 60 दिनों का समय है, इसके बाद भी वह सेना प्रमुख और राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका सौंप सकते हैं। हालांकि, पाकिस्तान आर्मी एक्ट, 1952 कि अधिनियम की धारा 131 के तहत, सैन्य अदालत के फैसले के खिलाफ 40 दिनों के भीतर अपील की जा सकती है।