पाकिस्तान को देवबंदी मदरसों को बंद कर देना चाहिए : अमेरिका

शुक्रवार, 3 मार्च 2017 (14:23 IST)
वॉशिंगटन। अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने कहा है कि पाकिस्तान को अपने 600 देवबंदी मदरसों को बंद करने के बारे में गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिकी कांग्रेस और ट्रंप प्रशासन को लगता है कि ऐसे स्कूल आतंकवादियों के पनपने का स्थल हैं।
 
वॉशिंगटन के यूएस कैपिटोल में गुरुवार को दिल्ली के थिंक-टैंक 'विवेकानंद इंटनेशनल फाउंडेशन' की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सांसद एड रॉयस ने कहा कि मेरे विचार में ऐसा मत है कि पाकिस्तान को देवबंदी मदरसों को बंद करने के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए। ऐसे करीब 600 मदरसे हैं, जो लोगों को बरगलाते हैं और ये लोग या तो जिहाद के पक्ष में दलीलें देते रहते हैं या जिहाद करते हैं। 
 
हाउस फॉरेन रिलेशंस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि पाकिस्तान को लश्कर-ए-तैयबा जैसे समूहों पर कार्रवाई करने के साथ ऐसे परिसरों को भी बंद करने की जरूरत है। 
 
पाकिस्तान को यह समझने की आवश्यकता है कि अगर वह (पाकिस्तान) आतंकवादी हमलों के दोषियों को न्याय के कटघरे में नहीं लाता है तो उसे इन दोषियों को हेग को सौंप देना चाहिए ताकि अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण में उनके खिलाफ सुनवाई हो सके और न्याय दिया जा सके। भारत एवं भारतीय-अमेरिकियों पर कांग्रेशनल कॉकस के संस्थापक सदस्य रॉयस ने कहा कि कांग्रेस और नया प्रशासन कुछ नए मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
 
रॉयस ने कहा कि एक विचार तो भारत और अमेरिका के बीच 500 अरब डॉलर के कारोबार का है। इस दिशा में हम नीतियों को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं... इसलिए हमें भारत के साथ एक प्रभावी द्विपक्षीय कारोबारी समझौते की जरूरत है। हम कारोबार को और उदार कर रहे हैं। 
 
उन्होंने कहा कि साथ ही यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अमेरिका में रह रहे भारतीय- अमेरिकी आबादी की आधी संख्या स्नातकोत्तर डिग्री रखती है और हम जानते हैं कि भारतीय-अमेरिकी लोगों का भविष्य बेहद उज्ज्वल है तथा भारत और अमेरिका को कानून के नियम, लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की आजादी और अपने धर्म का पालन करने की आजादी के बुनियादी मूल्यों पर अपनी नीतियां बनानी चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका का नौवां सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी है तथा बीते कई वर्षों में आतंकवादरोधी सहयोग बढ़ा है और बीते 1 दशक में रक्षा संबंधों में मजबूती आई है। (भाषा)

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