सुप्रीम कोर्ट से इमरान खान को झटका, आज बुलाई कैबिनेट-संसदीय समिति की बैठक, देश को भी करेंगे संबोधित
शुक्रवार, 8 अप्रैल 2022 (00:33 IST)
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी के विवादास्पद फैसले को गुरुवार को रद्द कर दिया। यह क्रिकेटर से नेता बने खान के लिए एक बड़ा झटका है और अब उम्मीद है कि अदालत के फैसले के बाद उन्हें संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट से झटका मिलने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आज कैबिनेट के साथ-साथ संसदीय समिति की बैठक भी बुलाई है।
खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी से जुड़े सूरी ने 3 अप्रैल को खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। सूरी ने दावा किया था कि यह सरकार को गिराने के लिए विदेशी साजिश से जुड़ा है और इसलिए यह विचार योग्य नहीं है। अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाने के कुछ देर बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था। इस बीच इमरान खान ने ट्वीट कर कहा है कि मैंने शुक्रवार को कैबिनेट मीटिंग और साथ ही हमारी संसदीय समिति की बैठक बुलाई है; और शाम को मैं राष्ट्र को संबोधित करूंगा। हमारे देश के लिए मेरा संदेश है कि मैं हमेशा आखिरी गेंद तक पाकिस्तान के लिए लड़ता रहूंगा।
मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल 5 सदस्यीय पीठ का नेतृत्व कर रहे थे जिसमें न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन, न्यायमूर्ति मोहम्मद अली मजहर मियांखेल, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर और न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखेल शामिल थे। न्यायमूर्ति बंदियाल ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के संबंध में उपाध्यक्ष के विवादास्पद फैसले को असंवैधानिक घोषित कर दिया।
पांच सदस्यीय पीठ ने संसद को भंग करने को भी सर्वसम्मति से असंवैधानिक घोषित कर दिया। पीठ ने संसद को बहाल किया और प्रधानमंत्री खान द्वारा राष्ट्रपति अल्वी को नेशनल असेंबली भंग करने की सलाह को असंवैधानिक घोषित कर दिया।
अदालत ने स्पीकर को 9 अप्रैल को सुबह 10 बजे नेशनल असेंबली का सत्र बुलाने का आदेश दिया ताकि अविश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट के अंदर और आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। अदालत भवन के बाहर दंगा पुलिस बल तैनात किया गया था। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश बंदियाल ने कहा कि उपाध्यक्ष का फैसला प्रथम दृष्टया अनुच्छेद 95 का उल्लंघन है।
जटिल मामले में पैरवी करने के लिए विभिन्न वकील अदालत में पेश हुए। उपाध्यक्ष सूरी की ओर से नईम बोखारी पेश हुए, प्रधानमंत्री खान के लिए इम्तियाज सिद्दीकी, राष्ट्रपति अल्वी की ओर से अली जफर पेश हुए और अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान सरकार की ओर से पेश हुए।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की ओर से बाबर अवान, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के लिए रज़ा रब्बानी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ के लिए मखदूम अली खान पेश हुए। विभिन्न पक्षों की ओर से पेश प्रमुख वकीलों के अलावा, अदालत ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष और मुख्य विपक्षी नेता शहबाज शरीफ को भी बुलाया था। अदालत ने उनसे नेशनल असेंबली को भंग किये जाने और चुनाव घोषित किये जाने के कारण अनिश्चितता के मद्देनजर आगे के रास्ते पर उनका विचार पूछा।
शहबाज ने कहा कि देशद्रोही करार दिए जाने के बाद विपक्षी नेता कैसे चुनाव में हिस्सा ले सकते हैं। उन्होंने फैसला अदालत पर छोड़ दिया, लेकिन आग्रह किया कि कानून के शासन का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि "देशद्रोही कहे जाने के बाद हम अपने परिवारों का भी सामना नहीं कर सकते।
शहबाज का इशारा उपाध्यक्ष के उस फैसले की ओर था कि अविश्वास प्रस्ताव को तथाकथित "विदेशी साजिश" से जोड़ा गया था। अदालत के उपाध्यक्ष के खिलाफ फैसले के साथ ही, अब संभावना है कि संसद फिर से आहूत की जाएगी और खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन कराया जाएगा।