बहरहाल न तो 28 वर्षीय अब्देसलाम और न ही अयारी (24) फैसले के वक्त अदालत में मौजूद थे। फ्रांस की जेल में कैद अब्देसलाम के खिलाफ पेरिस हमलों को लेकर अलग से चल रही सुनवाई लंबित है। वर्ष 2015 में हुए इस हमले में 130 लोगों की मौत हो गई थी। पेरिस हमलों के बारे में मिली खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस ने 15 मार्च, 2016 को ब्रसेल्स के फॉरेस्ट इलाके में एक फ्लैट पर छापा मारा था और इस दौरान हुई गोलीबारी में चार पुलिस अधिकारी घायल हो गए थे।
अब्देसलाम बेल्जियम मूल का फ्रांसीसी नागरिक है। पेरिस हमलों को अंजाम देने वाले आतंकवादी सेल से संबद्ध आत्मघाती बम हमलावरों ने ही 22 मार्च को ब्रुसेल्स हवाईअड्डा और एक मेट्रो स्टेशन पर हमला किया था, जिसमें 32 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। फैसले में कहा गया कि अब्देसलाम ने अपनी मां को संबोधित कर एक पत्र लिखा था जिसमें उसने लिखा कि अल्लाह ने मुझे रास्ता दिखाया और मेरी राह खोलने के लिए उसने मुझे भी अपने मुलाजिमों में शामिल किया। यही वजह है कि मैं अल्लाह के दुश्मनों से अपनी पूरी ताकत से लड़ा।