चौदह मार्च को पाई दिवस मनाया गया

Webdunia
गुरुवार, 15 मार्च 2018 (18:31 IST)
न्यू यॉर्क । दुनिया भर में गणितज्ञ हर साल 14 मार्च को Pi Day या पाई दिवस मनाते हैं। पाई सबसे महत्वपूर्ण गणितीय एवं भौतिक नियतांकों में से एक है। पाई की ही मदद से हम यह जान पाए कि हमारे ब्रह्मांड का आकार अंडाकार है। यह जानकारी प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोफिजिक्स डिपार्टमेंट के चेयरमैन डेविड स्परजेल ने दी।
 
विदित हो कि पाई दिवस महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन का भी जन्म दिवस है। यह गौरतलब है कि पाई ने ही पाई डे की तारीख खुद चुनी है। अगर पाई के मान पर नजर डालें तो पाएंगे कि वह 3.14 है यानि साल के तीसरे महीने की 14 तारीख। 2009 में यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने 14 मार्च को राष्ट्रीय पाई दिवस के रूप में स्वीकार किया।
 
उल्लेखनीय है कि गणित के रोचक तत्वों की सीरीज में ‘पाईमिनट’को भी शामिल किया गया है। जब 14 मार्च को 1:59:26 AM/PM पर पाई के सात दशमलवीय मान प्राप्त हो जाते हैं यानि 3.1415926। पाई का सटीक मान कोई नहीं निकाल पाया है। इसका बस अनुमान ही बताया जा सकता है जोकि 3.1428 है। इस कारण से यह तकनीकी तौर पर सही नहीं है लेकिन कई बड़ी संख्याओं की गणना करने में सटीकता को बढ़ाता है।
 
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन का जन्म भी 14 मार्च को पड़ता है और उन्होंने काफी समय तक पाई के जरिए नदी की सटीक लम्बाई निकालने पर काम किया था। जापान के एक इंजीनियर ने पाई का पूर्ण मान निकालने की लगातार 90 दिनों तक कड़ी मेहनत की लेकिन पाई की गणना खत्म नहीं हुई। इस दौरान उसने दशमलव के बाद पांच हजार अरब अंकों तक पाई का मान निकाला।
 
π (पाई) = 22 / 7 = 3.1415926535897932384626433…। यह दशमलव के बाद अनन्त तक खींचा जा सकता है और यह किसी भी नियमित पैटर्न को फॉलो नहीं करती है। विदित हो कि पाई का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किसी नदी की लम्बाई बताने के लिए किया जाता है। पूरी नदी की लम्बाई काफी घुमावदार होने की वजह से सही आंकने में दिक्कत आती है।
 
पाई को पिरामिड के आकार की गणना करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है और दो तारों के बीच की घुमावदार दूरी मापने के लिए पाई के जरिए ही हिसाब लगा पाना संभव है। प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोफिजिक्स डिपार्टमेंट के चेयरमैन डेविड स्परजेल ने डब्लूमैप यान के इस्तेमाल से पहले यह पता लगाया था कि बिग-बैंग धमाके से उत्पन्न बेबी यूनिवर्स कैसा होगा, फिर उसके सतह के क्षेत्रफल को 4 पाई से गुणा कर दिया। इस तरह से उन्हें पता चला कि हमारे ब्रह्मांड का आकार अंडाकार है।
 
पाई का इस्तेमाल और इससे जुड़ी रिसर्च काफी लंबे समय से होती आ रही थी लेकिन 1706 में सबसे पहले विलियम जोंस द्वारा π का इस्तेमाल किया गया। लेकिन इसे लोकप्रियता 1737 में मिली जब स्विस गणितज्ञ लियोनार्ड यूलर ने इसे प्रयोग में लाना शुरू कर दिया। सबसे पहले 1988 में भौतिक विज्ञानी लैरी शॉ ने पाई दिवस मनाया।
 
कई सालों से मैथ्स में पाई का इस्तेमाल किया जा रहा है। पाई मैथ्स में एक कॉन्स्टेंट है। पाई (π)एक गणितीय नियतांक है जिसका संख्यात्मक मान किसी वृत्त की परिधि और उसके व्यास के अनुपात के बराबर होता है। गणित में कहा जाता है कि यदि किसी वृत्त का व्यास 1 हो तो उसकी परिधि पाई के बराबर होगी।

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