Pope Francis' funeral: पोप फ्रांसिस (Pope Francis) के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में विश्व नेताओं और कैथोलिक अनुयायियों (Catholic followers) ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर शनिवार को उन्हें विदाई दी। इस कार्यक्रम में पोप के रूप में फ्रांसिस की प्राथमिकताएं और पादरी के रूप में उनकी इच्छाएं प्रतिबिंबित हुईं। कई देशों के राष्ट्रपति और राजकुमार 'सेंट पीटर्स स्क्वायर' में पोप के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल हुए तथा कैदी एवं प्रवासी बेसिलिका में उनका स्वागत करेंगे, जहां उन्हें दफनाया जाएगा।
फ्रांसिस ने पिछले साल वेटिकन की परंपराओं और रीति-रिवाजों में बदलाव कर उन्हें सरल बनाते समय अपने अंतिम संस्कार समारोह को लेकर अपनी इच्छा बताई थी। वेटिकन ने कहा कि उनका उद्देश्य पोप की भूमिका को केवल एक पादरी के रूप में दिखाना था, न कि इस दुनिया के एक शक्तिशाली व्यक्ति के रूप में।
कार्डिनल जियोवानी बतिस्ता रे ने पोप फ्रांसिस की प्रशंसा करते हुए उन्हें लोगों का पोप बताते हुए कहा कि वे ऐसे पादरी थे, जो अनौपचारिक एवं सहज शैली में हमारे बीच सबसे कमजोर लोगों से संवाद करना जानते थे। रे ने फ्रांसिस को लोगों के बीच रहने वाला पोप एवं सभी के लिए खुले दिल वाला करार दिया। उन्होंने कहा कि फ्रांसिस की जो आखिरी छवि कई लोगों के मन में है, वह ईस्टर रविवार को अंतिम आशीर्वाद देने और उसी 'स्क्वायर' में पोपमोबाइल (पोप का वाहन) से सलामी देने की है, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि देते हुए मुर्मू ((President Draupadi Murmu) की तस्वीरें साझा करते हुए मोदी ने कहा कि राष्ट्रपतिजी ने भारत के लोगों की ओर से पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि अर्पित की। दुनिया हमेशा समाज के लिए उनकी सेवा को याद रखेगी। पोप फ्रांसिस का सोमवार को निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे।(भाषा)