प्रधानमंत्री ने डेनमार्क में दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद यह बात कही। यह सम्मेलन मुख्य रूप से महामारी के बाद आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग पर केंद्रित था।
मोदी ने ट्वीट किया, भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के जरिए इस क्षेत्र के साथ भारत के संबंधों को बढ़ावा देने में एक लंबा सफर तय किया जाएगा। साथ में, हमारे देश बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं और वैश्विक समृद्धि तथा सतत विकास में योगदान कर सकते हैं।
शिखर सम्मेलन में डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और स्वीडन के प्रधानमंत्रियों ने भी भाग लिया। पहला भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन 2018 में स्टॉकहोम में आयोजित किया गया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, दूसरा भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन शुरू हुआ। इससे उभरती प्रौद्योगिकियों, निवेश, स्वच्छ ऊर्जा, आर्कटिक अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में नॉर्डिक क्षेत्र के साथ हमारे बहुआयामी सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा।
मोदी जर्मनी की अपनी यात्रा के बाद बुधवार को डेनमार्क पहुंचे जहां उन्होंने जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ व्यापक बातचीत की थी। कोपेनहेगन में, मोदी ने मंगलवार को डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट्टे फ्रेडेरिक्सेन के साथ बातचीत की थी।
भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने से पहले, मोदी ने डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और स्वीडन के प्रधानमंत्रियों के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें की थीं।(भाषा)