अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा, भारत में बढ़ी धार्मिक असहिष्‍णुता

मंगलवार, 3 मई 2016 (10:06 IST)
वॉशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर एक अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2015 में भारत में सहिष्णुता को चोट पहुंची और धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन वाली घटनाओं में इजाफा हुआ है।
 
अपनी सालाना रिपोर्ट में कांग्रेस से अधिकार प्राप्त यूएस कमीशन फॉर इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) ने भारत सरकार से सार्वजनिक रूप से उन पदाधिकारियों और धार्मिक नेताओं को फटकार लगाने को कहा है जिन्होंने धार्मिक समुदायों के बारे में अपमानजनक बयान दिए हैं।
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में साल 2015 में धार्मिक सहिष्णुता बदतर हो गई और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बढ़ गया। यूएससीआईआरएफ के सदस्यों को वीजा देने से भारत सरकार ने इस साल के शुरुआत में इनकार कर दिया। इसके पीछे यह तर्क दिया गया कि धार्मिक स्वतंत्रता संविधान में निहित है और कोई विदेशी तीसरे पक्ष का इस पर टिप्पणी करने या इसकी जांच करने का कोई अधिकार नहीं है।
 
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय खासतौर पर ईसाई, मुसलमान और सिखों को धमकी, प्रताड़ना और हिंसा की कई घटनाओं का सामना करना पड़ा जिसमें बड़े पैमाने पर हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों का हाथ था। इसमें आरोप लगाया गया है कि सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों ने तरकीबी रूप से इन संगठनों का समर्थन किया और तनाव को हवा देने के लिए धार्मिक रूप से बांटने वाली भाषा का इस्तेमाल किया।
 
रिपोर्ट में धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में भारत को टियर 2 देशों की सूची में बनाए रखा है जिसमें अफगानिस्तान, क्यूबा, इंडोनेशिया, मलेशिया, रूस और तुर्की जैसे देशों के नाम शामिल हैं। 
 
रिपोर्ट में केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक ताजा रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि साल 2015 में भारत में साम्प्रदायिक हिंसा में 17 फीसदी वृद्धि हुई।
 

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