जॉर्जिया मेलोनी PM बनती हैं तो दूसरे विश्वयुद्ध के बाद पहली बार इटली में दक्षिणपंथी सरकार बनेगी, जानिए कौन हैं मेलोनी?
सोमवार, 26 सितम्बर 2022 (13:54 IST)
(फोटो : सोशल मीडिया)
इन दिनों इटली के राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक जॉर्जिया मेलोनी की चर्चा है। उनकी चर्चा पूरे यूरोप में भी है। दरअसल, मेलोनी इटली में पीएम पद की उम्मीदवार हैं। वे घोर दक्षिणपंथी नेता हैं और वर्तमान चुनावों में उनकी जीत बेहद पुख्ता दिखाई दे रही है। उल्लेखनीय है कि इटली में आम चुनाव के एग्जिट पोल में जो रुझान आ रहे हैं, उसमें देश में अगली सरकार जॉर्जिया की पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली की बन रही है।
जीत के पहले कमान संभालने का दावा
दिलचस्प बात है कि नतीजों से पहले ही खुद जॉर्जिया मेलोनी ने भी इटली की कमान संभालने का दावा कर दिया है। आम चुनावों में मेलोनी की पार्टी शीर्ष पर आ गई है। अपनी जीत की उम्मीद दिखने के बाद उन्होंने सोमवार को कहा कि वह देश में अगली सरकार बनाने जा रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि सत्ता पर काबिज होने के बाद ने आम इटैलियन नागरिकों के लिए काम करेंगी।
तो ऐसा पहली बार होगा
इटली के चुनावों के इन नतीजों के बाद अगर जॉर्जिया को जीत हासिल होती है तो ऐसा पहली बार होगा जब सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद यहां घोर दक्षिणपंथियों की सरकार बनेगी। वहीं, चुनाव जीतने के बाद वह पहली ऐसी महिला होंगी, जो इटली की प्रधानमंत्री बनेंगी। इसके साथ यह भी कहा जा रहा है कि मेलोनी की जीत यूरोप के लिए खतरनाक होने वाली है, क्योंकि इटली यूरोपीय संघ की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
मेलोनी के विपक्ष में बैठे लोग दावा करते हैं कि अगर वो प्रधानमंत्री बनती हैं, तो इटली निश्चित रूप से यूरोपीय संघ से बाहर हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि मेलोनी यह बिल्कुल नहीं चाहती कि इटली यूरोपीय संघ में बना रहे। हालांकि मेलोनी के लिए ऐसा करना एक विशाल चुनौती होगी।
कौन हैं मेलोनी और क्यों है इतनी लोकप्रिय?
बता दें कि मेलोनी इटली में काफी लोकप्रिय नेता हैं। साल 2018 के आम चुनाव में मेलोनी की पार्टी को 4.5 फीसदी वोट मिले थे। वे 45 साल की हैं और अपना चुनाव प्रचार 'गॉड, कंट्री और फैमिली' के नारे के साथ किया था। अप्रवास विरोध, एलजीबीटीक्यू और गर्भपात जैसे मुद्दे उनके एजेंडे में हैं। 2018 के बाद मेलोनी की लोकप्रियता का ग्राफ तेजी ऊपर उठा था। जबकि साल 2008 में जब बर्लुस्कोनी प्रधानमंत्री थे तब वे खेल मंत्री थीं। मेलोनी अपनी पार्टी की फासीवाद की जड़ों को कम करना चाहती हैं। मेलोनी ने अपनी इमेज को नरम और बेहतर बनाने के लिए काफी मेहनत की। इसलिए लोगों के बीच वह काफी पॉपुलर भी हैं। तकरीबन ज्यादातर लोग उनके पीएम बनने की उम्मीद जता रहे हैं। मेलोनी के दक्षिणपंथी गठबंधन का फिलहाल दोनों सदनों पर अच्छा नियंत्रण है। राजनीतिक और चुनावी विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें 42.2 प्रतिशत सीनेट वोट प्राप्त हो सकते हैं।